शतावरी के फायदें महिलाओं के लिए
शतावरी एक प्रकार का जड़ी बूटी है, जो कि आमतौर पर हिमालय पर पाई जाती है | इसकी लता काफी फैलने वाली और झाड़ी दार होती है | एक एक के नीचे कम से कम 100 या इससे अधिक जड़े होती है | यह जड़े लगभग 30 से 100 सेंटीमीटर लंबी एवं 1- 2 सेंटीमीटर मोटी होती है | जड़ों के दोनों सिरे नुकीली होती है | इन जड़ों के ऊपर भूरे रंग का पतला छिलका रहता है | इस छिलके को निकाल देने से अंदर दूध के समान सफेद जड़ दिखाई पड़ता है | इन जोड़ों के बीच में कड़ा रेशा होता है, जिसे सुखी एवम गीली दोनों हीं में ही जा सकता है | आयुर्वेद में इसे रसायन या फुल बॉडी टॉनिक कहा जाता है |
आपको बता दूं कि शतावरी के फायदें महिलाओं के लिए रामबाण माना जाता है | महिलाओं के लिए उनका संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य बहुत ही जरूरी है | केवल बच्चों को जन्म देने के लिए ही नहीं, बल्कि मासिक धर्म चक्र और शारीरिक हार्मोंस को भी संतुलन रखने के लिए आवश्यक है | किंतु जिन महिलाओं को लो लिबिडो के अलावा इरेगुलर पीरियड्स की प्रॉब्लम रहती है या फिर जो महिलाएं वजन बढ़ने से परेशान हैं | उनके लिए शतावरी एक वरदान के समान है | चलिए जानते हैं महिलाओं के लिए शतावरी के फायदें क्या क्या है ?
शतावरी के फायदें
- गर्भवती (Pregnancy) महिलाओं के लिए फायदेमंद शतावरी का सेवन : गर्भवती महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे बहुत ही जबरदस्त सिद्ध होते हैं | गर्भवती महिलाएं शतावरी, सोंठ, अजगंधा, मुलेठी तथा भृंगराज को समान मात्रा में मिलाकर इसका चूर्ण बना लें | इसे 1- 2 ग्राम की मात्रा में लेकर बकरी के दूध खाने से इससे गर्भस्थ शिशु स्वस्थ रहता है|
- अनिद्रा रोग (नींद ना आने की परेशानी) में शतावरी का इस्तेमाल : कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें नींद ना आने की परेशानी होती है | ऐसे लोग 2- 4 ग्राम शतावरी चूर्ण को दूध में पका लें और इसमें भी मिलाकर खाने से नींद ना आने की परेशानी बहुत जल्द खत्म हो जाएगी | कहने का मतलब यह है कि शतावर चूर्ण अनिद्रा की बीमारी में भी बहुत ही लाभकारी है |
- स्तनों (Breast) में दूध बढ़ाने के लिए शतावरी का सेवन : कई महिलाओं को मां बनने के बाद स्तनों में दूध की कमी हो जाती है | ऐसी स्थिति में महिलाएं 10 ग्राम शतावरी के जड़ों के चूर्ण को दूध के साथ सेवन करने से स्तनों में दूध की विधि होती है | इसी तरह शतावरी को गाय के दूध में पीसकर सेवन करने से दूध और भी ज्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक दायक हो जाता है |
- शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए शतावरी का प्रयोग : वैसे लोग जो शारीरिक रूप से कमजोर है या शरीर में ताकत की कमी को महसूस करते हैं | वे शतावरी को घी में पकाकर मालिश करें, जिससे शारीरिक दुर्बलता दूर होती है एवं शरीर की कमजोरी से छुटकारा मिल सकता है |
- सेक्सुअल पावर स्टेमिना को बढ़ाने के लिए : कई लोगों को मर्दानगी ताकत की कमी या सेक्सुअल स्टैमिना की कमी से भी काफी परेशान देखे जाते हैं | ऐसे व्यक्ति शतावरी को पकाकर इस्तेमाल कर इसका चमत्कारी गुण देख सकते हैं | इसके अलावा दूध के साथ शतावरी चूर्ण की खीर बनाकर खाने से भी सेक्सुअल स्टैमिना में काफी वृद्धि होती है |
- वीर्य दोष को ठीक करने के लिए : वैसे लोग जिन्हें वीर्य की कमी है, उन्हें 5- 10 ग्राम शताब्दी को घी में मिलाकर रोजाना सेवन करना चाहिए | इससे वीर्य की वृद्धि होगी एवं वीर्य गाढ़ा होगा |
- सूखी खांसी के उपचार के लिए : सूखी खांसी से परेशान रहने वाले लोगों को 10 ग्राम शतावरी 10 ग्राम, अडूसे के पत्ते और 10 ग्राम मिश्री को 150 मिली पानी के साथ उबालने और इसे दिन में 3 बार पीने से सूखी खांसी जड़ से समाप्त हो जाती है | कफ होने पर शतावरी एवं नागबला का काढ़ा और चूर्ण को घी में पकाकर सेवन करने से कफ विकार में काफी फायदा होता है |
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