काली मिर्च के फायदे और नुकसान
काली मिर्च औषधीय गुणों से भरपूर होता है | भारतीय घरों में काली मिर्च का सेवन मसालों के तौर पर किया जाता है | यहां तक हीं नहीं लोग काली मिर्च का उपयोग काढ़ा बनाकर पीने में भी करते हैं | इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटीओबेसिटी और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं |
काली मिर्च खाने के फायदे
काली मिर्च सभी गुण कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को दूर करने में मददगार होते हैं, तो चलिए जानते हैं काली मिर्च के फायदे के बारे में |
- पाचन को बेहतर बनाने में : काली मिर्च पाचन संबंधित समस्याओं को ठीक करने में काफी उपयोगी होता है | काली मिर्च में पाइपरिन पाया जाता है, जो पाचन क्षमता को बढ़ाने में सहयोगी होता है साथ ही पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है | इससे पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं जैसे_ गैस, कब्ज और अपच से छुटकारा मिल सकता है |
- सर्दी खांसी से राहत : काली मिर्च के औषधीय गुण का असर सर्दी खासी पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है | इसके लगातार सेवन से समस्या का निदान हो सकता है | इस संबंध में किए गए एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक काली मिर्च सर्दी खांसी के लिए कॉफ़ मेडिसिन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है | ऐसा कहा जाता है कि इसमें पाइपरीन जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो सर्दी खांसी की समस्याओं की छुटकारा के लिए काफी प्रभावशाली होता है साथ ही यह गले में खराश की समस्याओं को भी दूर करता है |
- कैंसर से बचाव के लिए : काली मिर्च में एंटी- कैंसर गतिविधि पाई जाती है | वैज्ञानिकों ने शोध कर बताया कि कैंसर जैसी घातक समस्या से बचने के लिए काली मिर्च काफी मददगार हो सकती | इस गुण के कारण काली मिर्च शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकती है | इसके अलावा काली मिर्च में मौजूद पाइपरीन के वजह से यह कीमोथेरेपी दवाई की तरह ही काम कर सकता है | बेहतरीन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में काफी असरदार हो सकता है, लेकिन यदि आप कैंसर से ग्रसित है, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टरों की परामर्श जरूर लें | काली मिर्च सिर्फ कैंसर से बचने के लिए मदद कर सकती है | इसे कैंसर का इलाज ना समझे बैठें |
- भूख बढ़ाने के लिए : वैसे लोग जिन्हें समय से भूख न लगने की समस्या है, तो उनके लिए काली मिर्च पाउडर काफी फायदेमंद साबित हो सकती है | दरअसल काली मिर्च में अल्कलॉइड, ओलेरोसीन और ऑयल जैसे कुछ कंपाउंड पाए जाते हैं | इन गुणों के वजह से पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में भूख बढ़ाने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जाता है |
- केलोस्ट्रोल के लिए : शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होने लगती है | ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए काली मिर्च का उपयोग किया जा सकता है | एक वैज्ञानिक शोध की मानें तो काली मिर्च में पाइपरीन मौजूद होता है, जो क्रेस्ट्रॉन को बढ़ने से रोकता है | इसमें मौजूद तत्व कोलेस्ट्रॉल ट्रांसपोर्टर प्रोटीन को भी दबाता है, जिससे कल स्टॉल का स्तर काफी हद तक नियंत्रण रह सकता है |
- जोड़ों के दर्द और गठिया के लिए : काली मिर्च का गुण जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्याएं को भी कम करने में काफी मददगार है | कई बार जोड़ों में दर्द और गठिया का मुख्य कारण सूजन हो सकती है, जिस से छुटकारा दिलाने में काली मिर्च मदद कर सकती है | दरअसल काली मिर्च में मौजूद पाइपरीन में एंटीइन्फ्लेमेटरी और एंटीअर्थराइटिस प्रभाव पाया जाता है, जो सूजन की समस्याओं को कम कर गठिया की स्थिति में काफी सुधार पहुंचा सकता है |
- त्वचा के लिए : काली मिर्च का फायदा त्वचा के लिए भी कर सकते हैं | दरअसल काली मिर्च का उपयोग से बने तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ रखने का काम करता है | इसके अलावा यह एंटी -एजिंग की तरह काम कर सकता है | मुहासे कम कर रखता है और विटिलिगो, झुर्रियां, काले धब्बे को कम करने में काफी मददगार है |
काली मिर्च के नुकसान
एक तरफ जहां काली मिर्च सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी देखने को मिल सकती है | जैसे _
- काली मिर्च की तासीर बेहद गर्म होती है, इसलिए पित्त प्रकृति के लोगों को काली मिर्च का सेवन करने से दूर रहना चाहिए |
- घर में यदि छोटे बच्चे हैं, तो उन्हें अधिक मात्रा में काली मिर्च खिलाने से बचाना चाहिए |
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को काली मिर्च का सेवन बिना डॉक्टर के सलाह का नहीं करनी चाहिए |
निष्कर्ष :
काली मिर्च औषधीय गुणों से भरपूर होता है आप भी काली मिर्च का सेवन कर सकते हैं लेकिन काली मिर्च की तासीर गर्म होती है | इसलिए इनका सेवन कम मात्रा में करना ही बेहतर होगा | बहुत अधिक मात्रा में काली मिर्च का सेवन करने से दूर ही रहना बेहतर होगा |
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